Sunita gupta

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लेखनी कहानी -23-Sep-2022

बहुत आसान है कह देना कि ऑनलाइन वाली दोस्ती बस टाइमपास होती है..
पर क्यों...???
सच में होता है किसी के पास इतना टाइम जो वो यूँ ही बर्बाद करे.
सच तो यह है कि इस Fb की दुनिया में...
मिल जाता है कोई ऐसा...जिसे आपकी परवाह हो❤
जिसे फर्क पड़ता हो आपके खुश😊 होने या आँस😢ू बहाने से...
जहाँ सिर्फ शब्दों से महसूस कर लिया जाता है एक दूसरे की आत्मा💞 को...

जहाँ किसी के साथ दिल खोल कर हंसने का मन कर जाये...
कभी मन भारी हो तो बस कुछ शब्दों से...उसके काँधे पर सर रख के रो लिया जाये... 
और उन्हीं शब्दों में लिपटा
प्यारा सा एहसास दिलाये आपको कि आप अकेले नहीं हो...
कोई है....
आपके साथ जो आपके मुस्कुराने की वजह बनना चाहता है...

कोई है....
जो कुछ इमोजी के ज़रिये आपको हॅंसाना चाहता है...
कोई है.....
जिसे सोचकर आप मुस्कुरा सकते हो बेवजह...
कोई है....
जिसके कुछ शब्द आपकी आँखों में मुस्कुराहट ले आते हैं ...
कभी उसकी अनदेखी...दु:खा देती है दिल को....
सिर्फ शब्दों से ही.....मना भी लिया जाता है...
सिर्फ शब्दों का ही तो खेल है
न कभी देख सके एक दूसरे को न छू पाने की चाह....
ना किसी के शरीर की लालसा...
बस भावनाओं की डोर जो बांध ली जाती है..
बिन कहे ..बिन सुने बस यूँ ही अनजाने में...
सिर्फ मन का रिश्ता 
उतनी ही ख़ुशी मिलती है जितनी किसी के साथ
असल में वक़्त गुज़ार कर मिलती है...

अलग होने पर दुःख💔 भी उतना ही होता है...
टूट जाता है इंसान उतना ही जब दूसरा छोड़ कर चला जाता है 

ये मन के रिश्त💏े...नहीं समझ आएंगे....💝

सुनीता गुप्ता कानपुर copipaste 

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5 Comments

Barsha🖤👑

24-Sep-2022 09:54 PM

Beautiful story

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Seema Priyadarshini sahay

24-Sep-2022 06:37 PM

बेहतरीन रचना

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Mithi . S

24-Sep-2022 05:50 AM

Nice

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